13 साल की उम्र में शुरू की हैकिंग, बना यूरोप का मोस्ट वांटेड, 11 साल बाद मिली सजा

दुनिया

यूरोप के मोस्ट वांटेड और कुख्यात हैकर जूलियस किविमाकी को मरीजों को ब्लैकमेल करने के लिए जेल की सजा मिली है. इस शातिर अपराधी ने 33 हजार मरीजों के सेशन नोट्स चुरा लिए थे. जूलियस किविमाकी ने अपराध की दुनिया में 13 साल की उम्र में ही उस वक्त कदम रख दिया था जब वो हैकिंग गैंग में शामिल हुआ था.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को हैकर को पश्चिमी यूसीमा के जिला कोर्ट ने सभी मामलों में दोषी पाए जाने के बाद छह साल और तीन महीने जेल की सजा सुनाई. जूलियस पर लगे आरोपों में व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन करते हुए सूचना प्रसारित करने के 9,231 मामले और गंभीर जबरन वसूली के प्रयास के 20,745 मामले शामिल हैं.

अक्टूबर में लगा था आरोप

रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रांस से फिनलैंड प्रत्यर्पित किए जाने के बाद उस पर पिछले साल अक्टूबर में आरोप लगाया गया था. अदालत ने खुलासा किया कि देश भर में केंद्रों वाली एक निजी मनोचिकित्सा सेवा वास्टामो को नवंबर 2018 में हैक कर लिया गया था. साइकोथैरेपी सर्विस प्रोवाइडर की हैकिंग का नतीजा ये निकला कि उसके रोगियों का डेटाबेस की अवैध कॉपी मिली.

बिटकॉइन में की फिरौती की मांग

बीबीसी के अनुसार, 2020 में 26 साल के जूलियस ने थेरेपी कंपनी से 400,000 यूरो से ज्यादा की फिरौती मांगी थी. वहीं, फिनिश मीडिया की अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि ये मांग 450,000 यूरो से कहीं ज्यादा थी. इसके अलावा, जूलियस ने मांग की कि मनोचिकित्सा केंद्र की फिरौती का भुगतान बिटकॉइन में किया जाना चाहिए.

मरीजों से भी मांगे पैसे   

मनोचिकित्सा केंद्र की ओर से फिरौती की रकम देने से इनकार करने के बाद इस शातिर हैकर ने हजारों मरीजों को ईमेल करके उन सभी से 200 यूरो या 213 डॉलर मांगे. उनके गोपनीय थेरेपी नोट्स और व्यक्तिगत विवरण ऑनलाइन पब्लिश करने की धमकी देते हुए, जूलियस ने मरीजों को यह भी चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के भीतर भुगतान नहीं किया गया तो ये राशि 500 यूरो तक बढ़ा दी जाएगी.

धमकी के तुरंत बाद, गोपनीय जानकारी कथित तौर पर डार्क वेब पर सामने आ गई. इसमें मरीजों के व्यक्तिगत विवरण, सोशल सिक्योरिटी नंबर और उनके प्राइवेट सेशन्स के संवेदनशील नोट्स भी शामिल थे. हालांकि जूलियस ने इन सभी आरोपों से इनकार कर दिया.

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