भिवंडी लोकसभा सीट के प्रत्याशियों ने टोरेंट पॉवर का मुद्दा उठाकर वोटरों को लुभाने व वोट साधने में जुटे है। वही भिवंडी की एकमेव पॉवर लूम उद्योग की स्थिति आज चिंता जनक स्थिति में है। कई पॉवर लूम कारखाने बंद हो चुके है। बुनकर आज गोदामों में हमाली का काम करने के लिए मजबूर है। शहर का मुख्य उद्योग आज बंद होने के कगार पर खड़ा है।
बतादें कि भिवंडी में लगभग 6.5 लाख पॉवर लूम है जो देश के कुल पॉवर लूम का 33 प्रतिशत हिस्सा है। इस व्यवसाय से बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होता है लेकिन आज 40 प्रतिशत पॉवर लूम बंद है और काफी अनिश्चितता भी व्याप्त है। भिवंडी लोकसभा क्षेत्र के भिवंडी पूर्व व पश्चिम विधानसभा में लगभग 12 लाख लोग रहते है। इसमें से अधिकांश दूसरे प्रांत से आकर यहां दिहाडी मजदूरी करते है लेकिन पॉवर लूम उद्योग में छायी मंदी के कारण लोग बेरोजगार है। यहां पर बेरोजगारी के साथ – साथ शिक्षा व स्वास्थ्य की बड़ी समस्या है। भिवंडी ग्रामीण, भिवंडी पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में अस्पताल के नाम पर एकमेव स्वं इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल है। जहां पर महिलाओं की डिलीवरी तक नहीं होती है। सड़कें खस्ताहाल है। पालिका में भारी भष्ट्राचार है। लोगों को शुद्ध पानी तक नसीब नहीं है।
ऐसे में भिवंडी लोकसभा सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों ने टोरेंट पॉवर कंपनी को हटाने का मुद्दा बना लिया है। कंपनी द्वारा आज चौबीस घंटे लोगों को बिजली दे रही है जिसके कारण गृह उद्योग व छोटे छोटे कंपनियों में इजाफा हुआ है। वर्ष 2006 के पहले ट्रांसफर जलने पर 15-15 दिनों तक बिजली नसीब नहीं होती थी।सड़कों पर बिजली के तार का मकड़ जाल फैला हुआ था। तमाम हादसे हुए। लोगों की जाने चली गई। बिजली की अनियमिता होने से रोजगार चला गया।
2005 में मूल कंपनी, टोरेंट ग्रुप ने बिजली व्यवसाय में और विस्तार करने के लिए टोरेंट पावर जेनरेशन कंपनी शुरू की। 2006 में टोरेंट ग्रुप की तीन बिजली से संबंधित कंपनियों, टोरेंट पावर एईसी लिमिटेड, टोरेंट पावर एसईसी लिमिटेड और टोरेंट पावर जेनरेशन लिमिटेड को टोरेंट पावर बनाने के लिए विलय कर दिया गया था। टोरेंट पावर ने दिसंबर 2006 में भिवंडी सर्कल के लिए महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के साथ देश का पहला वितरण फ्रेंचाइजी समझौता करके इतिहास रचा। 2009 में इसे उत्तर प्रदेश में आगरा के लिए वितरण फ्रेंचाइजी से सम्मानित किया गया । वित्त वर्ष 19 के दौरान कंपनी को धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र ( गुजरात में) के लिए वितरण लाइसेंस और महाराष्ट्र के मुंबई महानगर क्षेत्र में शील, मुंब्रा और कलवा (एसएमके) क्षेत्र के लिए वितरण फ्रेंचाइजी से सम्मानित किया गया था। आज कंपनी 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवा रही है। जिसके कारण रोजगार भी बढ़ा है। किन्तु भिवंडी के लोगों को गुमराह करने,अपनी निष्क्रियता छुपाने के लिए टोरेंट पॉवर को चुनावी मुद्दा बनाकर एक बार फिर वोटरों को लुभाने का कार्य प्रत्याशियों द्वारा किया जा रहा है। कांग्रेस के शासनकाल में भिवंडी में फ्रेंचाइजी टोरेंट पॉवर कंपनी का जन्म हुआ और भाजपा सरकार ने इसकी मुद्दत बढ़ाकर वर्ष 2027 तक कर दिया है।