भिवंडी लोकसभा सीट पर एम आईएम प्रत्याशी व शहर कार्याध्यक्ष शादाब उस्मानी जीत का दावा ठोकते हुए भाजपा, महाविकास आघाडी व निर्दलीय प्रत्याशी निलेश सांबरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एम आईएम पार्टी के कार्याध्यक्ष शादाब उस्मानी ने पत्रकार परिषद आयोजित कर कहा कि 15 प्रतिशत वाले आगारी समाज के जब दो उम्मीदवार हो सकते है। कुनबी समाज का उम्मीदवार कहता है कि अगर मेरा समाज साथ खड़ा तो हमारी जीत होगी। तो इस सीट पर 25 प्रतिशत का बहुमत रखने वाला मुस्लिम समाज का उम्मीदवार क्यो नही खड़ा हो सकता है। मुस्लिम समाज अगर एक तरफा एम आईएम को वोट करता है तो मेरे पार्टी का उम्मीदवार भी जीत सकता है। तालीम, तरक्की व रोजगार सबसे बड़ा हमारा मुद्दा है। देश का मुस्लिम समाज आज सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है। झुग्गी व झोपड़ियों में रहने के लिए मजबूर है। कपिल पाटिल व रईस शेख स्वास्थ्य के लिए संघर्ष कर रहे है किन्तु आज तक आईजीएम अस्पताल का इलाज नहीं हुआ जबकि रईस शेख राज्य सरकार में थे। इसके बावजूद भी इलाज नहीं हो सका। निर्दलीय प्रत्याशी निलेश सांबरे चुनाव के पूर्व कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। कौन से विचार धारा के सांबरे है। इन्हें इसका खुलासा करना चाहिए।
बतादें कि मुस्लिम समाज एक तरफा आज भाजपा व मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा है। समाज के वोट का बंटवारा ना हो इसके लिए कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना ने इंडिया महाविकास आघाडी गठबंधन बनाया है तथा भिवंडी लोकसभा सीट पर राकांपा ने सुरेश म्हात्रे उर्फ बाल्या मामा को उम्मीदवार बनाया है। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में महाविकास आघाडी प्रत्याशी सुरेश म्हात्रे को भारी समर्थन मिल रहा है। लेकिन इस सीट पर एम आईएम की दावेदारी करने से महाविकास आघाडी को खतरा पैदा हो चुका है। भिवंडी लोकसभा सीट पर एम आईएम ने अकरम खान को उम्मीदवार बनाया है। अल्पसंख्यक समुदाय के हर सवाल पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि हम शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर यह चुनाव लड़ रहे है, आखिरकार सेक्युलर पार्टियों ने क्या किया जब 70 वर्षों में मुस्लिम समाज अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है। इस प्रकार का सवाल शादाब उस्मानी ने उठाया है। इस अवसर पर युवा अध्यक्ष हमजा सहित भारी संख्या में पदाधिकारी उपस्थिति थे।